दिसंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान, दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। हालांकि, सबसे अधिक सुर्खियां बटोरने वाला समझौता रक्षा क्षेत्र से संबंधित था, जिसमें विशेष रूप से Su-57 स्टील्थ फाइटर जेट को शामिल किया गया था। यह उन्नत लड़ाकू विमान, जिसे अपनी रडार से बच निकलने की क्षमताओं के कारण 'अदृश्य योद्धा' भी कहा जाता है, भारतीय वायु सेना के लिए एक बड़ी उपलब्धि और क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में एक महत्वपूर्ण वृद्धि माना गया।
लेकिन भारत की इस उपलब्धि के तुरंत बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने भारतीय सेना के सामने एक नई और सीधी चुनौती खड़ी कर दी।
अमेरिका-पाकिस्तान रक्षा सौदा: $686 मिलियन की मंजूरी
संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान को उसके F-16 लड़ाकू विमानों के बेड़े के लिए लगभग $686 मिलियन (लगभग 5700 करोड़ रुपये) के उन्नत रक्षा उपकरण और सेवाएं बेचने की मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान इस डील का बेसब्री से इंतजार कर रहा था। अमेरिका ने इस फैसले को "पाकिस्तान की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने" और "अमेरिकी सुरक्षा हितों को आगे बढ़ाने" के लिए महत्वपूर्ण बताया।
भारत के लिए चिंता का विषय यह है कि इस सौदे में ऐसे उन्नत उपकरण भी शामिल हैं जो भारतीय वायु सेना के पास अभी तक नहीं हैं, जिससे F-16 बेड़े से निपटना भविष्य में एक जटिल कार्य बन सकता है।
F-16 को 'अजेय योद्धा' बनाने वाली डील
भारत की सामरिक टेंशन को बढ़ाने वाली इस डील में $37 मिलियन के रक्षा उपकरण और लगभग $649 मिलियन के अन्य महत्वपूर्ण सिस्टम शामिल हैं। यह सौदा F-16 लड़ाकू विमानों की क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा। इस डील के प्रमुख घटकों में शामिल हैं:
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पहचान प्रणाली (Identification System)
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सुरक्षित संचार उपकरण (Secure Communication Equipment)
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नेविगेशन सिस्टम (Navigation Systems)
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सॉफ्टवेयर अपग्रेड और मिशन प्लानिंग टूल
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मिसाइल एडाप्टर यूनिट्स
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इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा मॉड्यूल (Electronic Security Modules)
इस सौदे के तहत पाकिस्तान को 92 Link-16 सिस्टम भी दिए जाएंगे, जो F-16 विमानों को एक एकीकृत डेटा लिंक नेटवर्क पर वास्तविक समय की सामरिक जानकारी साझा करने में सक्षम बनाएंगे। साथ ही, 6 Mk-82 इनर्ट 500 पाउंड बम भी दिए जाने हैं।
यह रक्षा सौदा विशेष रूप से F-16 Cryptographic Mandate Compliance और Service Life Extension Program के तहत हो रहा है, जिसका सीधा अर्थ है कि इन उन्नयनों से न केवल F-16 की परिचालन सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि उसकी सेवा अवधि भी काफी लंबी हो जाएगी।
अमेरिकी कानून के तहत, यदि अमेरिकी कांग्रेस 30 दिनों के भीतर इस सौदे को अस्वीकार नहीं करती है, तो यह स्वचालित रूप से (automatically) पास हो जाएगा। ट्रंप प्रशासन का यह फैसला क्षेत्र की सैन्य गतिशीलता को फिर से प्रभावित कर सकता है, क्योंकि भारत को अब अपने नए Su-57 'अदृश्य योद्धा' के साथ-साथ पाकिस्तान के उन्नत F-16 बेड़े के लिए भी अपनी रणनीति पर विचार करना होगा।